अलग होते ही बिखर गया टाटा मोटर्स पैसेंजर का शेयर, रखें या बेचें? जान लीजिए 4 टॉप ब्रोकरेज की राय

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Tata Motors Passenger Vehicle Share Price: टाटा मोटर्स अब दो नाम से शेयर बाजार में लिस्टेड है ये आप सबको पता है. पैसेंजर वाले शेयर पर बड़े ब्रोकरेज हाउसों ने अपने टारगेट प्राइस घटाए हैं और उनके आउटलुक में सावधानी साफ दिख रही है. सोमवार को कारोबार के शुरुआत में ही शेयर 7% गिरकर 363 रुपये के इंट्राडे लो पर पहुंच गया था. पिछले सेशन में शेयर 391 रुपये पर बंद हुआ था.

Tata Motors Passenger Vehicle Share Price: डीमर्जर के बाद पहली बार आए Tata Motors Passenger Vehicles (TMPV) के तिमाही नतीजों ने बाजार को निराश किया है.

कंपनी मुनाफे से घाटे में आ गई, JLR का प्रदर्शन कमजोर रहा और FY26 की गाइडेंस भी कम कर दी गई. इसी वजह से स्टॉक आज फोकस में है और निवेशकों की नजर इस बात पर है कि आगे किस तरह का रुख देखने को मिलेगा. बड़े ब्रोकरेज हाउसों ने अपने टारगेट प्राइस घटाए हैं और उनके आउटलुक में सावधानी साफ दिख रही है.

इस सबके चलते सोमवार को कारोबार के शुरुआत में ही शेयर 7% गिरकर 363 रुपये के इंट्राडे लो पर पहुंच गया था. पिछले सेशन में शेयर 391 रुपये पर बंद हुआ था.

कमजोर Q2 और गाइडेंस कट ने निवेशकों को किया निराश

कंपनी का Q2FY26 कंसोलिडेटेड प्रदर्शन सुस्त रहा. रेवेन्यू 13.5% गिरकर 72,349 करोड़ पर आ गया. एडजस्टेड EBITDA में 1043 करोड़ का घाटा रहा, जबकि पिछले साल प्रॉफिट में था.

कंपनी को 1,702 करोड़ का घाटा हुआ, जबकि पिछले साल 1,752 करोड़ का मुनाफा था. अगर एक्सेप्शनल गेन को शामिल किया जाए, तो कंपनी प्रॉफिट में दिखती है, क्योंकि बंद हो चुके ऑपरेशंस की बिक्री से 82,616 करोड़ का बड़ा फायदा शामिल है. लेकिन मुख्य ऑपरेशनल नंबर कमजोर हैं.

JLR पर साइबर अटैक का बड़ा असर

JLR का प्रदर्शन सबसे बड़ी चिंता है. रेवेन्यू 24.3% गिरा. सितंबर में उत्पादन पूरी तरह रुका और अक्टूबर में सिर्फ 17,000 यूनिट्स बनीं. कंपनी ने FY26 EBIT margin गाइडेंस 5–7% से घटाकर 0–2% कर दी. फ्री कैश फ्लो का आउटलुक भी शून्य से घटाकर £2.2–2.5 बिलियन आउटफ्लो कर दिया गया. JLR ने कहा कि Q3 में और नुकसान होगा, जबकि सामान्य उत्पादन Q4 से ही संभव है. हालांकि 8 अक्टूबर से उत्पादन धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर लौट रहा है. कंपनी H2 FY26 में सुधार की उम्मीद कर रही है.

भारतीय PV बिजनेस का रुख

इंडिया PV सेगमेंट की EBITDA मार्जिन 5.8% रही, जो पिछले साल से हल्की कमजोर है. कंपनी GST कट और SUV सेगमेंट की मजबूत मांग के भरोसे H2 में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद कर रही है.

ब्रोकरेज का शेयर पर क्या है व्यू?

  1. Goldman Sachs ने शेयर पर न्यूट्रल की रेटिंग रखी है और टारगेट को 390 से घटाकर 365 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज का कहना है कि 2Q में रेवेन्यू थोड़ा बेहतर लेकिन EBITDA अनुमान से काफी नीचे रहा. साइबर अटैक के चलते JLR की 3Q में भी 30,000 यूनिट्स का नुकसान हो सकता है.
  2. Jefferies ने शेयर पर Underperform की रेटिंग बरकरार रखी है. टारगेट को 366 से घटाकर 300 पर कर दिया है. ब्रोकरेज ने कहा कि तिमाही के नतीजे कमजोर और आगे का आउटलुक भी फीका है. चीन में टैक्स, EV ट्रांजिशन और बढ़ती प्रतिस्पर्धा दबाव बनाते दिख रहे हैं. तीसरी तिमाही में भी प्रेशर रह सकता है. चौथी तिमाही में ही सामान्य स्थिति संभव दिखाई दे रही है.
  3. टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल के शेयर पर CLSA की ओर से तो एक्युमुलेट की राय आई है. टारगेट तो यहां भी घटा है, लेकिन फिलहाल मौजूदा भाव से ऊपर दिख रहा है. टारगेट, जोकि पहले 526 था, वो अब घटकर 450 कर दिया गया है. सीएलएसए ने कहा कि JLR का EBIT मार्जिन -8.6% रहा, जो अनुमान से काफी खराब है. US टैरिफ और साइबर अटैक का डबल असर दिखाई दे रहा है. इंडिया PV में स्थिरता है और SUV सेगमेंट मजबूत है. पूरे साल के लिए JLR की गाइडेंस में बड़ी कटौती आई है.
  4. JP Morgan ने शेयर पर न्यूट्रल की रेटिंग को बरकरार रखा है. टारगेट 385 से घटाकर 365 कर दिया है. कमजोर तिमाही और अनिश्चित गाइडेंस के चलते सावधान रुख जारी है.

निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब?

डीमर्जर के बाद उम्मीद थी कि PV बिजनेस पर फोकस बढ़ेगा और JLR अलग होकर काम करेगा. लेकिन साइबर अटैक, मांग की कमजोरी, US टैरिफ और चीन में प्रतिस्पर्धा ने JLR की दिशा बदल दी.

ब्रोकरेज हाउसों की राय साफ है- शॉर्ट टर्म में में TMPV के लिए चुनौतियां बनी रहेंगी. स्टॉक में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है. री-रेटिंग तभी संभव है जब JLR का उत्पादन सामान्य हो और मार्जिन सुधार दिखे. लंबी अवधि के निवेशकों के लिए कंपनी की भारत PV वृद्धि, SUV पोर्टफोलियो और GST कट जैसे पॉजिटिव फैक्टर मौजूद हैं, लेकिन अगले दो क्वार्टर चुनौतीपूर्ण रहेंगे.

  1. क्या Tata Motors PV के परिणाम वाकई कमजोर रहे?

हाँ, ऑपरेशनल स्तर पर EBITDA और मुनाफा दोनों दबाव में रहे. कंपनी घाटे में रही और JLR पर बड़ा असर दिखा.

  1. JLR की सबसे बड़ी समस्या क्या है?

साइबर अटैक से कई हफ्ते उत्पादन बंद रहा, जिसकी वजह से रेवेन्यू और मार्जिन बुरी तरह प्रभावित हुए. चीन और US में अतिरिक्त दबाव भी है.

  1. क्या स्टॉक पर दबाव और बढ़ सकता है?

शॉर्ट टर्म में हां. अधिकांश ब्रोकरेज ने टारगेट घटाए हैं और अनिश्चितता का हवाला दिया है.

  1. क्या भारत PV सेगमेंट में सुधार दिख सकता है?

कंपनी को H2 में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है. SUV सेगमेंट मजबूत है और GST कट से भी सहारा मिल सकता है.

  1. लंबी अवधि के निवेशक क्या करें?

रिस्क ले सकने वाले निवेशक इंतजार कर सकते हैं. स्टॉक की रिकवरी JLR के सुधार पर निर्भर करेगी. अगले दो क्वार्टर निर्णायक रहेंगे.

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